September 30, 2020
1. PregBuddy बनाने के लिए आपको कहाँ से प्रेरणा मिली? यह भारतीय माताओं की किन तरीकों से मदद करता है?
उत्तर - हमें यह प्रेरणा तब मिली जब हमारे एक सह-संस्थापक की रिश्तेदार को गर्भावस्था के चौथे महीने में गर्भपात हो गया | एक एकल परिवार में पत्नी बहुत सारे मनोवैज्ञानिक तनाव से गुजरती है, और उसे उचित मदद नहीं मिल पाती | डेढ़ साल पहले हमने इस विचार पर काम करते हुए बैंगलोर के अस्पतालों की गर्भवतियों से बात की और हमें इस आम समस्या का पता चला| तब से हम इस अद्भुत यात्रा पर अब तक 55000 माताओं की मदद कर चुके हैं | आमतौर पर एक भावी माँ के पास कई सवाल होते हैं जोकि उनके खान-पान, आहार, गर्भावस्था के दौरान के लक्षण और शारीरिक परिवर्तनों से जुड़े होते हैं | उन्हें डॉक्टरों की मदद भी हर समय नहीं मिलती और अपने बाकी सवालों के जवाब भी आसानी से नहीं मिलते | तो प्रेगबडी के माध्यम से हम उनके सारे सवालों के सर्वश्रेष्ठ जवाब देते हैं | हम उनको एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर जोड़ते हैं जहाँ पर वे ना सिर्फ अपने सभी सवालों के जवाब बल्कि आत्मविश्वास और आश्वासन भी पाती हैं |
2. शुरुआती दिनों के दौरान अधिकांश स्टार्टअप्स को कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है| प्रेगबडी को शुरू करते वक़्त आपको किन समस्याओं से रूबरू होना पड़ा ? आपने इन अनुभवों से क्या कुछ सीखा?
उत्तर - इन अनुभवों से मुझे यह सीख यह मिली की अगर आपके पास कोई आइडिया है तो उत्पाद बनाने से पहले ही उसका सत्यापन कर लें | हमने एक WhatsApp ग्रुप बनाकर 200 से ज्यादा बैंगलोर की माताओं को साथ में जोड़ा और उनके बीच हो रही बात चित का निरीक्षण किया | उनके आपसी सवालों से हमें उत्पाद की आवश्यकताओं को समझने में बहुत मदद मिली | इस सत्यापन के दौरान आप जितना संभव हो उतना किफायती होने की कोशिश करें ताकि आप अपने पूरे प्रारंभिक equity को इस प्रक्रिया में खर्च न कर दें | दूसरी महत्वपूर्ण बात यह है कि आप ज्यादा से ज्यादा लोगों से बात करने का प्रयास करें। आपके विचार को कोई चुरा नहीं सकता। यह एक मिथक है कि लोग आपका विचार चुरा सकते हैं, लेकिन जितना अधिक आप लोगों के साथ उसे साझा करेंगे आपको उतने अधिक दृष्टिकोण मिलेंगे। कोई भी उतना उत्सुक नहीं है जितना आप उस विशेष समस्या को हल करने के लिए हैं, इसलिए विचारों को साझा करने के लिए स्वतंत्र रहें, विभिन्न लोगों से उनका परिप्रेक्ष्य प्राप्त करें। अपनी यात्रा के दौरान उन लोगों से जुड़ने का प्रयास करें जिनके पास उद्यमी या कॉर्पोरेट दुनिया का पूर्व अनुभव हो। उन्हें अपना गुरु बनाएँ क्योंकि उद्योग के बारे में उनका ज्ञान आपको समस्याओं को हल करने में बहुत मदद करेगा। हमारे लिए कई चुनौतियाँ थीं जैसे की बाजार की स्थिति को समझना लेकिन प्रमुख चुनौती लोगों की मानसिकता थी ।अधिकांश पुरुष एक महिला को नहीं समझते हैं क्योंकि उनको महिलाओं के स्वास्थ्य के बारे में कोई शिक्षा नहीं दी जाती है और इसलिए वे इन समस्याओं को ज्यादातर नज़रअंदाज़ कर देते हैं |
3. आपने PregBuddy में अपनी टीम कैसे बनाई?
उत्तर - आप सह-संस्थापक को ढूंढ नहीं सकते; आपको एक दूसरे को जानना होगा। क्योंकि मैं और सिवरीना IIT KGP से हैं इसलिए मैं उन्हें अच्छे से जानता था | हमने IIT खड़गपुर के डीन के अंतर्गत पब्लिक रिलेशन सेल शुरू किया जिसे अब BARC (ब्रांडिंग एंड रिलेशन सेल) और IR(अंतर्राष्ट्रीय संबंध) सेल कहा जाता है| यश और मैं कॉलेज के दिनों में एक स्टार्टअप बनाने के दौरान मिले | हम एक-दूसरे को अच्छी तरह से जानते हैं क्योंकि हमने साथ में चीजों का निर्माण किया है और हम दोनों एक दूसरे की ताकत और कमजोरियों के बारे में जानते हैं और एक दूसरे के पूरक हैं। बढ़ती टीम के लिए यह बेहद जरूरी है।
4. आपकी भविष्य की योजनाएं क्या हैं और लोगों की मानसिकता बदलना कितना चुनौती-पूर्ण है?
उत्तर - हमारे दो मुख्य उद्देश्य हैं, पहला भावी माताओं का स्वास्थ्य जिन्हें कोई समर्थन नहीं मिल पा रहा है और दूसरा एक ऐसा प्लेटफॉर्म बनाना जहाँ उनके पतियों को जोड़ा जा सके और उन्हें उनकी पत्नियों की मदद के लिए प्रोत्साहित और प्रशिक्षित किया जा सके | हम सुनिश्चित करना चाहते हैं कि हम महिलाओं को सशक्त बनाएँ ताकि वे उनके और उनके बच्चे के लिए सही निर्णय लें जो भविष्य में माँ और बच्चे दोनों के लिए बहुत फ़ायदेमंद होगा | इसके बाद हम पिता को सशक्त करेंगे ताकि वह भी अपने परिवार के लिए सही फैसले ले सकें | हम चाहते हैं कि 2020 तक हम हमारे प्लेटफॉर्म से लगभग 10 लाख माताओं की मदद कर सके। हम ऐसा करने के लिए परस्पर तत्पर हैं। भविष्य में हम लोगों की मानसिकता बदलने का प्रयास भी करेंगे | इसे बदलने के लिए प्रयास और समय दोनों की जरूरत है |मुझे लगता है कि मानसिकता को बदलना कठिन है लेकिन जागरूकता के साथ इसे बदला जा सकता है।
5. आपको एक व्यक्ति और एक उद्यमी के रूप में विकसित करने में IIT खड़गपुर की क्या भूमिका थी?
उत्तर - मैं बायो-टेक्नोलॉजी विभाग में था। तीसरे वर्ष में मैं यूसी बर्कले गया जोकि दुनिया के शीर्ष विश्वविद्यालयों में से है। मैंने वहां समर इंटर्न के रूप में काम किया लेकिन जब मैं वापस आया, तो मुझे एहसास हुआ कि मैं ये नहीं करना चाहता हूं। इंटर्नशिप से वापस आकर मैंने अपना खुद का स्टार्टअप शुरू किया | मुझे लगता है कि केजीपी यहाँ की प्रतिभाओं और वरिष्ठों से सीखने और सहयोग करने के लिए एक बेहतरीन जगह है जहाँ मिलकर हम काफी कुछ बना सकते हैं। यहाँ बहुत सारे अवसर हैं |अपने कमरे से बाहर निकल कर विभिन्न सोसाइटी में काम करें और अपने कौशल को निखारने के लिए उनका अन्वेषण करें | समय आपको एहसास दिलाएगा की आपका भविष्य और निपुणता कहाँ है |
6. केजीपी के सभी प्रतिभाशाली युवा और नवोदित उद्यमियों को आप क्या संदेश देना चाहेंगे?
उत्तर - नवोदित उद्यमियों को मैं यह सुझाव दूँगा की अपने उत्पाद का सत्यापन किफायती तरीके से करवाएं और एक संरक्षक से जुड़े रहें जो आपको बढ़ने में मदद कर सकता है। आमतौर पर उद्यमिता की यात्रा बहुत अकेली है, लेकिन अगर आपके पास एक ऐसा मदद करने वाला हाथ है तो वह आपको मानसिक रूप से निखारेगा और काम करने योग्य भी बनाएगा। IIT खड़गपुर का एक अच्छा हिस्सा यह है कि यहाँ ऐसे लोग हैं जो हमेशा मदद करने के लिए तैयार हैं, हमें सिर्फ पूछना है। इसलिए बे-झिझक लोगों से पूछें और शर्मीला बनने से बचें | अगर आपको लगता है कि आप किसी चीज में अच्छे हैं और अपने कौशल को और निखारना चाहते हैं तो खड़गपुर समुदाय तक पहुंचें और एक साथ काम करने की कोशिश करें और अपने जीवन में परिवर्तन लायें।